Webinar on OROP2

OROP REVISION. चर्चिल विश्व युद्ध जीत गए लेकिन चुनाव मे बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा | सैनिको के बहुतायक वाले हिमाचल की हार से भी मोदी सरकार सबक नहीं ले रही है और आत्ममुघ्द होकर विश्लेषण कर रही है जैसे कॉंग्रेस करती थी | कारपोरेट सोच के तहत OROP और OROP-1 का रिवीजन जिसके तहत सारा लाभ अधिकारियों के दे दिया गया और 500 से 1500 का झुनझुना जेसीओ /जवानो को पकड़ाकर सरकार जो अपमान कर रही है उसकी कीमत आने वाले चुनाओ मे चुकानी पड़ेगी | सरकार सैनिक वर्ग के 97% जेसीओएस /एनसीओएस/ओआरएस और इनके परिवार के सदस्यो जिनका वोट करीब 3 करोड़ वोट है, का समर्थन खो देगी  | 01.01.2006 को एक Lt Col 14400 रु पर था और आज डीए सहित वो 1,36,388.00 लेगा.  दो हवलदार के पेंशन के बराबर तो एक Lt Col केवल डीए ले रहा है | हविलदार/सर्जेट/पेटी ऑफिसर सेना की बैक बोन है लेकिन ब्रिटिश मानसिकता के सोच वाले काले अंग्रेज़ो के प्रभाव मे मोदी सरकार बैंक बोन को ही तोड़ने मे लगी हुई है | सरकार को नाटो , यूएस फोर्सेस और अन्य आधुनिक सेनाओ मे इस रैंक के रोल का अध्ययन करना चाहिए | कल वॉइस ऑफ एक्स सर्विसमैन सोसाइटी के ज़ूम मीटिंग मे सरकार के जवान विरोधी रवैया के प्रति घोर नाराजगी देखी गई और निम्नलिखित निर्णय लिया गया :-

(क) सरकार को यह अधिकार दिया जाय कि जवान/जे.सी.ओ को जो आप 500-1500 की बढ़ोतरी इस OROP -1 मे दे रहे हो वो भी अधिकारियों को दे दी जाय |
(ख) सरकार के विरुद्ध एक विशाल परदर्शन 26 जनवरी के बाद दिल्ली मे किया जाएगा | सभी JCOs/ORs की संस्था इनमे सहयोग करेगी | उनसे संपर्क साधने की ज़िम्मेदारी आईटी सेल के जितेंदर देव मोबाइल नो 9891372555 को दी गई है | देश के सभी संथाओ से आग्रह है कि इस अन्याय के विरूद्ध लड़ाई मे अपना योगदान देने के लिए अपने संपर्क नंबर जितेंदर देव को नोट कराये |
(ग) एक समान मिलिटरी सर्विस पे के लिए दिल्ली हाइ कोर्ट मे फ़ाइनल बहस के लिए बेस्ट ADVOCATE HIRE किया जाय जो किया जा चुका है |

जेसीओ/एनसीओ /ओआर के साथ अब तक किए गए अन्याय की सूची :-

(क) ओआरओपी की अवधारणा केवल जेसीओएस /एनओसीएस /ओआरएस के लिए थी क्योकि कम उम्र और कम सेवा मे यही रिटायर्ड होते है और तीसरे वेतन आयोग ने भी इन वर्गो का पेंशन पे का 80 % से घटाकर 50% से नीचे लाया | जबकि सरकार ने ओआरओपी का सारा लाभ 55 से 58 साल सेवा के बाद 100% RE EMPLOYMENT का लाभ लेने वाले अधिकारियों को दे दिया और इसके लिए जेसीओएस/एनसीओएस/ओआरएस के पेंशन कम कर दिये | धृस्तरास्त्र की तरह अंधी सरकार जेसीओएस /एनसीओएस /ओआरएस को दोयम दर्जे का नागरिक समझते हुये सिर्फ ऑफिसर की सेक्युर्टी एजन्सि को डीजीआर के माध्यम से EMPANELED करती है और इनको करोड़ो का ब्यापार देती है | उसी तरह कोल लोडिंग ट्रांसपोर्ट कंपनी का ब्यापार भी ऑफिसर को ही मिलता है | COCO पेट्रोल/सीएनजी पम्प भी केवल ऑफिसर को मिलता है  | डीजीआर द्वारा ऑफिसरो को दिया गया करोड़ो रुपए का सेक्युर्टी एजन्सि के ब्यापार के लिए सैनिक गार्ड मिले इसलिए सरकार और अधिकारियों का NEXUS जवानो को इतना कम पेंशन रखती है कि अधिकारियों के SUCURTY एजन्सि के लिए गार्ड मिल सके | अगर राष्ट्र के सुरक्षा के नाम पर अधिकारियों के लिए सरकार सुरक्षा गार्ड तैयार कर रही है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है |
(ख) 6 वे वेतन आयोग के समय तीनों सेना प्रमुख ने 3 मांग सरकार के सामने रखी थी , LT COL के पे BAND 3 से 4 मे करना, MAJOR GENERAL को एमएसपी देकर पेंशन फिक्स करना और जेसीओएस/एनसीओएस/ओआरएस को पे का 75% पेंशन देना | सरकार ने अधिकारियों की मांग स्वीकार कर लिया और जेसीओएस/एनसीओएस/ओआरएस की पेंशन पे का 75 % की मांग अस्वीकार कर ली | तीनों सेना प्रमुख खुश हो गए |
(ग) एमएसपी सैन्य जीवन की कठिनाई के ऊपर था लेकिन जवानो से दोगुना और तिगुना पेंशन नर्स और अधिकारियों को दे दी |
(घ) LATERAL INDUCTION के नाम पर जेसीओएस/एनसीओएस/ओआरएस के दो सुबिधा, पे का अधिकतम पर पेंशन रैंक वेटेज देकर फिक्स करना, वापस ले ली | सुबिधा भी ले ली और लैटरल इंडक्शन को लागू भी नहीं किया |
(ङ) 7 वे वेतन आयोग मे जवानो के पेंशन मे 2.57 का MULTIPLY किया गया जबकि अधिकारियों के पे मे 2.67 से 2.81 से इससे पहले से अधिक पे /पेंशन लेने वालो अधिकारियों की पे/ पेंशन और बढ़ गई |
(च) डिसबिलिटी पेंशन स्लैब आधारित थी जिसको अधिकारियों के दवाब मे सरकार ने प्रतिशत आधारित कर दिया जिससे 7वी वेतन आयोग की अनुशंसा से भी जवानो की डिसबिलिटी पेंशन कम हो गई जबकि अधिकारियों का डिसबिलिटी पेंशन काफी अधिक बढ़ गई | उदाहरण के लिए एक हवलदार का डिसबिलिटी पेंशन पहले 3510 और अधिकारी की 5880. इस OROP रिवीजन के बाद पेंशन की दृष्टि से अधिकारी के सबसे नीचे के रैंक LT COL को 100% डिसबिलिटी के लिए 59299/- मिलेगा जबकि एक हविलदार को मात्र 13376/- जबकि उस डिसबिलिटी से उत्पन्न तकलीफ और परिस्थिति का दोनों को समान रूप से झेलना पड़ेगा |
(छ) लिस्ट लंबी है | इसलिए अतिरिक्त तमाम तरह की भेद –भाव जवानो और उनके परिवार के सदस्यो को झेलना पड़ता है चाहे वो सीएसडी हो, ईसीएचएस, सैनिक बोर्ड या काही अन्य जहां की ब्यावस्था अधिकारियों के हाथ मे है |

यह भी निवेदन है कि सरकार को पे का 75% पेंशन, एक समान MSP देकर पेंशन फिक्स करना चाहिए तथा डिसबिलिटी पेंशन के फॉर्मूला बदलकर जेसीओएस/एनसीओएस/ओआरएस के पेंशन मे बढ़ोतरी तथा वो संस्थान जिसका संचालन अधिकरियों के हाथ मे है, को भेद भाव मुक्त कर सरकार जेसीओएस/एनसीओएस/ओआरएस जो पूरी सैनिक विरादरी के 97% है का दिल सकती है नहीं तो उन्हेइन वर्गो के विरोध को झेलना पड़ेगा |

बीर बहादुर सिंह
राष्ट्रिय संयोजक
वॉइस ऑफ एक्स सर्विसमैन
JCOs/NCOs/ORs की संस्था