In the crisis of Corona epidemic, ECHS has completely closed its doors to the ESMs. An order was also issued saying that ESM suffering from diseases like sugar etc., which require regular insulin and medicine, should buy the medicine from the market and submit the bill by 15 May. In cities where corona has a lot of hot spots, going out of the house for medicine is a risk of infection because the immunity of such patients is weak. The military bureaucracy did not consider door-to-door drug delivery options in hot spots, while ex-servicemen are also volunteers to help the district administration during the time of the epidemic, and newspapers also publish reports of the military providing food to the poor.
The lock-down period is going to be extended, so it is requested that in the cities where many hot spots are there, door to door regular medicine should be supplied and doctors should available on the telephone. ECHS should be opened where there is not a single case of Corona.
कोरोना महामारी के संकट काल मे ईसीएचएस ने अपने दरवाजे पूर्व सैनिको के लिए पूरी तरह बंद कर दिया है | एक आदेश जारी कर यह भी कह दिया गया कि शुगर आदि बीमारियो जिसके लिए रेगुलर इन्सुलिन और दवा की की जरूरत पड़ती है, बाज़ार से दवा खरीदकर 15 मई तक बिल जमा करा दिया जाये | जिन शहरो मे कोरोना के काफी हॉट स्पॉट बने हुये है , वहा दवा के लिए घर से बाहर जाने से संक्रमण का खतरा है क्योकि ऐसे मरीजो की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है | सैन्य ब्यूरोक्रेसी ने हॉट स्पॉट वाले शहरो मे डोर टु डोर दवा पहुंचाने वाले विकल्पो पर विचार नहीं किया जबकि इस महामारी के समय पूर्व सैनिक जिला प्रशासन की मदद के लिए भी वॉलंटियर है और अखबारो मे भी सेना द्वारा गरीबो को भोजन उपलब्ध कराने की खबरे प्रकाशित होती है |
लॉक डाउन की अवधि बढ्ने वाली है अतः निवेदन है कि जिन शहरो मे हॉट स्पॉट बने हुये है वहा डोर टु डोर रेगुलर मैडिसिन की आपूर्ति किया जाए ऐवम डॉक्टर टेलीफ़ोन पर उपलब्ध रहे | जहां कोरोना के एक भी केस नहीं है वहा ईसीएचएस को खोला जाए |