सोचे , समझे और जवान/एन.सी.ओं/जे.सी.ओ के एक मात्र संस्था वौइस् ऑफ़ एक्स सर्विसमैन सोसाइटी से जुड़े और 10 फ़रवरी को दिल्ली में हो रहे संगठन द्वारा आहूत बैठक में भाग ले :-
१. ३ पे कमीशन से पहले ऑफिसर को पे का 33% पेंशन मिलता था और जवान/जे.सी.ओ को 75% लेकिन ऑफिसर का बढाकर जवान को कम क्यों किया गया |
२. OROP जो कि मूलतः जवान/जे.सी.ओ के लिए था के तहत अधिकारियो के पेंशन में 19 हजार तक बढ़ोतरी की गई जबकि जवान/जे.सी.ओ को मामूली और सेना के निचे के तीन रैंको का कुल पेंशन भी इतनी नहीं है जितनी ऑफिसर की OROP के तहत बढाई गई |
३. अगर 01.01.2006 से OROP तक विश्लेषण करे तो 21 साल के मेजर के पेंशन में 146.56% ले. कर्नल के पेंशन में 138.12% और 21 साल से कम सेवा के मेजर के पेंशन में 87.47% की बढ़ोतरी हुई जबकि जवान/जे.सी.ओ के पेंशन में 20 % से 50% तक |
४. इसी तरह एक 21 साल का एक मेजर जो की 01.01.2006 को 14100/-रु पेंशन ले रहा था आज 01 लाख पेंशन ले रहा है |
४a .ले.कर्नल का पेंशन 01.01.2006 को 14400/- था जबकि आज 01 लाख हो गया है |
५. इसी तरह अधिकारी की विधवा जिनका पेंशन ०१.०१.०६ को 5880 /- थी आज 60 हजार से शुरू हो रहा है | जबकि जवान की विधवा को पहले 3500 मिलता था और आज मात्र 9 हजार मिल रहा है |
५. इसी तरह डिसेबिलिटी पेंशन जो 01.01.2006 को ऑफिसर का 5880/- था और जवान की 3510 / जबकि आज परसेंटेज आधारित कर ऑफिसर की 60 हजार से शुरू हो रही है जबकि जवान का 12 हजार की संस्तुति के बाद भी कम कर 9 हजार कर दिया गया (१००% डिसेबिलिटी के लिए ) | ऑफिसर और जवान का अनुपात जो चौथे , पाचवे आयोग की तुलना में काफी बढ़ गया है |
6. इसी तरह पे, पेंशन एवं पर्क के मामले में हर जगह जवान /जे.सी.ओ कोई ठगा गया |
७. DGR की सारी क्रीम स्कीम जैसे कि COCO पेट्रोल पंप, सिक्यूरिटी एजेंसी एवं कोयला लोडिंग एवं ट्रांसपोर्टिंग कम्पनी का ब्यापार ऑफिसर ने अपने लिए रिज़र्व करा लिया है और जवानों /जे.सी,ओ के लिए सब्जी और दूध की दुकान छोड़ दिया गया |
७. केंद्रीय सैनिक बोर्ड से लेकर जिला सैनिक बोर्ड तक के सारे पद, कैंटीन, आर्मी स्कूल एवं ECHS के ऑफिसर इन्चार्जे का पद अपने लिए रिज़र्व इन अधिकारियो ने करा रखा है | यहाँ तक की गेस्ट हाउस में भी इनका रिजर्वेशन है | केन्द्रीय सैनिक बोर्ड की सारी योगनाये सिर्फ दिखावे के लिए है| ECHS एवं CSD कैंटीन सही सभी जगहों पर जवानों के साथ भेद -भाव किया जाता है | आज भी सेवादारी प्रथा जारी है |
और भी बहुत कुछ कहने के लिए है |
सवाल है कि इसके लिए जिम्मेदार कौन है क्या सिर्फ ऑफिसर या हम लोग भी | निसंदेह हम लोग भी , जो ऑफिसर द्वारा फैलाये भ्रम जाल में फंस जाते है और वे हमारे कंधे का इस्तेमाल कर अपने लिए सब कुछ हासिल कर लेते है हमारी कीमत पर | अतः ऑफिसर नेतृत्व वाले संगठनो से जवानों /जे.सी.ओ को बहार आना होगा और सरकार और देश को यह सन्देश देना होगा की अब हम और अन्याय नही सहेंगे |
10 फ़रवरी 2019 सुबह ११ बजे दिल्ली में देश के सभी पूर्व सैनिक संगठन जो की जवान/जे.सी.ओ द्वारा संचालित है एवं बुद्धिजीवी पूर्व सैनिक से आग्रह है कि वौइस् ऑफ़ एक्स सर्विसमैन सोसाइटी द्वारा बुलाई जा रह बैठक में शामिल है | अपने संगठन एवं शामिल हो रहे पूर्व सैनिकों की संख्या बनाते की कृपा करे ताकि जगह बुक कराइ जा सके | प्रेस को भी आमंत्रित किया जा रहा है | वौइस् ऑफ़ एक्स सर्विसमैन सोसाइटी से जुड़ने के लिए www.voiceofexservicemen.org पर जाकर फॉर्म भरे |
१० फ़रवरी 19 के प्रोग्राम के लिए संपर्क करे :-
9897468767,9461046959, 9357172728,9891372555,
9560277686