सैन्य अधिकारी द्वारा देश की सेना के सुरक्षा के नाम पर लूट होना। विकसित देश बनने में चुनौती साबित हो सकती है । अधिकारी वर्ग को हरेक महीना 10 लीटर और अधिक शारीरिक परिश्रम करने वाले सैनिक को मात्र 3 लीटर सरकार द्वारा देना । सरकार संज्ञान लेकर जवान की कोटा को अविलंब बढ़ाए। सरकार को प्रभाव में लेकर अधिकारी द्वारा जाली अपंगता पेंशन लेना एक सरकारी लूट की श्रेणी में आता है। क्या सरकार करवाई करेगी ?
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