माननीय रक्षा मंत्री जी -एकेडमिक इयर 2017-18 का चिल्ड्रेन एजुकेशन अलाउंस (RMEWF) पूर्व सैनिको के बच्चे को अभी तक नहीं मिला जबकि अगला साल आने वाला है | लगता है रक्षा मंत्री जी के लिए जवानों के कल्याण का विषय महत्व नहीं रखता या अधिकारी वर्ग द्वारा बुने जाल में अपने अनुभवहीनता के कारण बाहर नहीं निकल पा रही है | केंद्र सरकार ने शिक्षा पर काफी ध्यान दिया है और मोदी जी ‘बेटी पढाओ -बेटी बचाओ ‘ का नारा है | लेकिन पूर्व सैनिको की चिल्ड्रेन अलाउंस नहीं मिल पा रहा है | पैसे की कोई कमी नहीं है क्योकि पूर्व जवानों से कैंटीन प्रॉफिट के नाम से सालाना सैकड़ो करोड़ रूपये इकठे होते है जो ऑफिसर मेस में चला जाता है | अगर फण्ड की कमी है तो इस प्रॉफिट के मात्र कुछ हिस्से से ही चिल्ड्रेन एजुकेशन अलाउंस सभी पूर्व सैनिको के बच्चो को दिया जा सकता है | लेकिन प्रबधन की कमी है और अधिकारी वर्ग ओछी मानसिकता से ग्रसित है|
अतः RMEWF के तहत पूर्व सैनको के सभी बच्चे जिसमे आवेदन किया है , अबिलम्ब वितीय सहायता उपलब्ध कराई और सुनिश्चित कराई जाये कि कोई भी बच्चा न वर्तमान में और नहीं भविष्य में इस लाभ से वंचित रहे |
Financial assistance for education of children of ESMs for the academic year 2017-18 has not yet been sanctioned. The same financial assistance for the academic year 2018-19 is also pending. Its appears that welfare of jawans is not in the priority list of Defence Minister and she is in trap of corrupt and anti jawan officials though center govt has paid more attention for education of children and Modiji has given slogan “beti padhao -beti bachao’. There is no shortage of money as hundreds crore of rupees are collected annually in the name of canteen profits from the jawans who go to the officer’s mess and eaten by the officers. The Govt can provide financial assistance to all children of ESMs if minor amount of canteen profit is diverted towards it .
Voice of Ex Servicemen Society is requesting the Defence Minister to sanction financial assistance for education of children of ESMs for year 2017-18 who applied for and ensure that the same is granted to all children in future too.
the above has been emailed to RM, RRM, secy ESW, Def secy, secy ksb.